25. बुलंदी देर तक
25.
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*बुलंदी देर तक*
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बुलंदी देर तक किस शख़्स के हिस्से में रहती है।
मगर जब तक रही है शख्सियत चर्चे में रहती है।
किसी से क्या करेगी तज़किरा दुनिया की बातों का,
सुना है लड़की वो कुछ ख़ास ही अपने में रहती है।
जो वक़्त अच्छा हो तो हर बात ही हक़ की हमारी हो,
सुने क़िस्मत हमारी सब और बस कहने में रहती है।
किसी का हो नही सकता भला दुनिया भला चाहे,
समझ लो बात ये दुनिया महज़ जलने में रहती है।
जवानी की ये आँखें है इन्हें कैसे जगाएंगे,
न जाने कौन से हर वक़्त ही सपने में रहती है।
फ़राज़ (क़लमदराज़)
S.N.Siddiqui
@seen_९८०७
# आधे अधूरे मिसरे / प्रसिद्ध पंक्तियां
Shashank मणि Yadava 'सनम'
08-Sep-2023 06:40 AM
बहुत ही सुंदर और बेहतरीन अभिव्यक्ति
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Gunjan Kamal
28-Jul-2023 08:15 AM
👏👌
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